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रविवार, जुलाई 25, 2010

ईओडब्ल्यू में जांच शुरू

 आईजी ने प्रथम दृष्टया मामले को गंभीर माना



विदेशी दवा कंपनियों से मिलने वाले रुपए के लिए शुरू हुए ड्रग ट्रायल के गोरखधंधे में शामिल डॉक्टरों की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने जांच शुरू कर दी है। ब्यूरो ने प्रथम दृष्टया मामले को गंभीर माना है। फिलहाल जांच में सात डॉक्टरों के नाम हैं, जो आगे 50 से अधिक तक पहुंच सकते हैं।

'पत्रिकाÓ में प्रकाशित खबरों के आधार पर स्वास्थ्य समर्पण सेवा समिति द्वारा ईओडब्ल्यू में शिकायत की गई थी। ईओडब्ल्यू आईजी अजय शर्मा ने बताया शिकायत को जांच में ले लिया गया है। प्रथम दृष्टया यह बेहद गंभीर मामला दिखता है। आरोपों सच साबित होने पर केस दर्ज किया जाएगा। संभवत: जांच इंदौर ऑफिस भेजी जाएगी।

शिकायतकर्ता डॉ. आनंद राजे ने बताया एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अनिल भराणी, प्रोफेसर डॉ. अपूर्व पुराणिक, एमवायएच अधीक्षक डॉ. सलिल भार्गव, पूर्व प्रोफेसर डॉ. अशोक वाजपेयी, नेत्र रोग एचओडी डॉ. पुष्पा वर्मा, शिशु रोग प्रोफेसर डॉ. हेमंत जैन और एमवायएच सहायक अधीक्षक डॉ. वीएस पाल को आरोपी बनाया है। 


ये हैं आरोप
एक - सरकारी पद का दुरुपयोग करके अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की।
दो-  सरकार की जानकारी के बगैर मरीजों की जान आफत में डाली।
तीन- ट्रायल से एमबीबीएस और एमडी/एमएस के छात्रों की पढ़ाई बाधित।
चार- बगैर जानकारी के अवैधानिक तरीके से विदेश यात्राएं की।
पांच - सरकारी खजाने में रुपए न डालकर खुद ने विभिन्न बैंकों में खाते खुलवाए।


लोकायुक्त में एक ओर शिकायत की तैयारी
शुक्रवार को लोकायुक्त में भेजी गई शिकायत के बाद अब दूसरी शिकायत की तैयारी है। स्वास्थ्य समर्पण सेवा समिति ने बताया डॉक्टरों के नाम से आईसीआईसीआई, एडीएफसी, आईडीबीआई, एचएसबीसी, सिटी बैंक के साथ ही कुछ सहकारी बैंकों में भी खाते हैं। इनकी जांच करने से पूरे लेन-देन की जानकारी मिल सकती है। ये डॉक्टर वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिए रुपए भारत मंगवाते हैं। पहली शिकायत में करीब तीन दर्जन डॉक्टरों और अन्य को आरोपी बताया है


सीटीए की भी हो जांच
उधर, विधानसभा में मामला उठाने वाले विधायकों का कहना है 'पत्रिकाÓ के खुलासे के बाद अब एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को वे समझौते भी जगजाहिर करना चाहिए जिनका नाम क्लिनिकल ट्रायल्स एग्रीमेंट (सीटीए) होता है। इससे ही रुपए की असली जानकारी सामने आएगी।


पैसे के लिए बेच रहे देश : हजारे
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने इंदौर प्रवास के दौरान 'पत्रिकाÓ से चर्चा में कहा विदेशी कंपनियों के लिए जो लोग ड्रग ट्रायल कर रहे हैं, वे पैसे के लिए देश को बेच रहे हैं। उनसे देश को बचाना चाहिए। वे कंपनियों के मुनाफे के लिए ही इस काम में लगे हैं। शोध जैसी कोई बात इसमें नहीं है।

News in Patrika on 26th July 2010

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