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रविवार, अगस्त 08, 2010

परिजन पर क्यों नहीं किए ट्रायल?

डॉक्टरों ने दी ड्रग ट्रायल पर सफाई, डीन को भी दी जाती है पूरी राशि की जानकारी

ड्रग ट्रायल के आरोपों से घिरे डॉक्टरों ने ड्रग ट्रायल क्या है और इससे क्या लाभ हैं इसे लेकर डॉक्टरों ने होटल क्राउन पैलेस में गोष्ठी का आयोजन किया। डॉक्टरों ने बताया कि कोई भी कंपनी डॉक्टर की योग्यता देखकर ही अनुबंध करती है। डॉक्टरों ने कहा कि कंपनियों से मिलने वाली राशि का खुलासा आयकर विभाग के समक्ष किया जाता है। इसमें कोई चोरी नहीं की जाती। मरीजों की सहमति से किए जाने वाले ट्रायल में किसी तरह की आशंका की गुंजाइश नहीं रह जाती।

ट्रायल विश्व के सभी विकसित और विकासशील देशों में किए जा रहे हैं। यह रोजगार के अवसर पैदा करता है और अनुसंधान में देश को आगे ले जाता है। गोष्ठी में कॉलेज डीन की भूमिका को भी स्पष्ट किया गया। ट्रायल के माध्यम से मिलने वाली राशि की पूरी जानकारी डीन को भी दी जाती है। बैठक में ये सवाल भी उठा कि क्यों गरीब मरीजों पर ही ट्रायल किए जाते हैं? कितने डॉक्टरों ने परिवार के सदस्यों पर ट्रायल किए? इनमें से किसी भी सवाल का जवाब डॉक्टर नहीं दे सके। बैठक में पूर्व कुलपति और ट्रायल का कानून तैयार कर रहे डॉ. भरत छपरवाल, डॉ. सरोज कुमार, अभय छजलानी, इथिकल कमेटी के सचिव डॉ. अनिल भराणी, डॉ. अपूर्व पुराणिक, डॉ. पुष्पा वर्मा, डॉ. आरके माथुर, डॉ. पूनम माथुर, डॉ. उज्ज्वल सरदेसाई व जूनियर डॉक्टर आदि मौजूद थे।

news in Patrika on 7th August

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