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शुक्रवार, दिसंबर 31, 2010

दवा कंपनियों को भी चपत

- ड्रग ट्रायल करने वाले डॉक्टरों से स्पांसर नाराज
- रिजल्ट पर आशंका जताते हुए भेजा ई-मेल


बहुराष्टरीय कंपनियों द्वारा विकसित दवाइयों के मरीजों पर प्रयोग (ड्रग ट्रायल) पर अब वे कंपनियां भी ऐतराज जता रही हैं जिन्होंने डॉक्टर के साथ आर्थिक समझौते किए। एक स्पांसर कंपनी ने इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में हुए ट्रायल के रिजल्ट पर आशंका जताते हुए प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर को पत्र लिखा है। अनुमान है कि अब यह कंपनी इंदौर के डॉक्टरों को अब ट्रायल का काम नहीं सौंपेगी।

ड्रग ट्रायल पर 30 को जनसुनवाई
इंदौर, सिटी रिपोर्टर। बहुराष्टरीय कंपनियों द्वारा विकसित दवाइयों के मरीजों पर प्रयोग (ड्रग ट्रायल) के संबंध में कानून बनाने के लिए शासन द्वारा गठित कमेटी ३० अक्टूबर को दोपहर १२ से २ बजे के बीच एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जनसुनवाई करेगी। कॉलेज डीन डॉ. एमके सारस्वत ने बताया कमेटी में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आईएस दाणी, विधि सचिव पीके वर्मा, एमसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. भरत छपरवाल, पूर्व डीएमई डॉ. एनआर भंडारी, डीएमई डॉ. वीके सेनी और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संयुक्त नियंत्रक डॉ. एनएम श्रीवास्तव शामिल हैं। कमेटी के सामने कोई भी नागरिक व्यक्तिगत रूप से अपनी बात लिखित या मौखिक में दर्ज करा सकता है।

Patrika  27 Oct 2010

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